श्री गुरु जम्भेश्वर मंदिर लिखमीसर | Guru Jambheshwar Temple Likhmisar
गुरु जम्भेश्वर महाराज बिश्नोई समाज के संस्थापक है। भारतवर्ष में जहां-जहां बिश्नोई समाज के लोग निवास करते हैं। वहां श्रद्धेय गुरु जाम्भोजी के मंदिर/साथरी बने हुए हैं। इन मंदिरों में हर अमावस्या को सामुहिक हवन-यज्ञ का आयोजन किया जाता है। जिसमें गांव के समस्त लोग भाग लेते हैं। इतना ही नहीं गांव के लोग नित्यप्रति गुरु जंभेश्वर मंदिर में संध्या वेला में होने वाले हवन में भाग लेते हैं। इन मंदिरों/साथरियों पर आने वाली गेंहू/बाजरी को पुजारी वर्ष भर पक्षियों चुग्गा को डालते हैं। आज हम आपको जानकारी दे रहे हैं इन्हीं बिश्नोई मंदिरों में से एक श्री गुरु जम्भेश्वर मंदिर, लिखमीसर के बारे में। जो पीलीबंगा क्षेत्र के बिश्नोई लोगों के लिए तीर्थ स्थल है।
गुरु जंभेश्वर मंदिर लिखमीसर : बिश्नोई आस्था का केंद्र
गुरु जंभेश्वर मंदिर लिखमीसर : यह हनुमानगढ़ जिले के पीलीबंगा तहसील के निकटवर्ती ग्राम लिखमीसर में स्थित है। मंदिर का निर्माण यहां के बिश्नोई लोगों के सहयोग से किया गया है।
गुरु जंभेश्वर मंदिर लिखमीसर की भौगोलिक स्थिति : 29°31'25.5"N 74°00'03.8"E है। मंदिर के आंतरिक कक्ष को स्थापत्यकला की दृष्टि से बैजोड़ है। मंदिर में पूजारी पूनमचंद जी द्वारा नित्यप्रति सुबह-शाम संध्या वेला में हवन किया जाता है जिसमें गांव के लोग भाग लेते हैं। वहीं प्रत्येक अमावस्या को यहां मेला भरता है जिसमें आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में बिश्नोई लोग आते हैं।
मंदिर की देखरेख व धार्मिक गतिविधियों और क्रार्यक्रमों के आयोजन बिश्नोई सेवा समिति, लिखमीसर द्वारा किया जाता है। सेवा समिति में गांव के सामाजिक सेवाभावी लोग मिलकर सहयोग कर रहे हैं।
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