Guru Jambheshwar Mandir Samrathal Dhora | गुरु जम्भेश्वर मंदिर समराथल धोरा

Guru Jambheshwar Mandir Samrathal Dhora | गुरु जम्भेश्वर मंदिर समराथल धोरा 

गुरु जम्भेश्वर मंदिर समराथल : Guru Jambheshwar Mandir Samrathal
गुरु जम्भेश्वर मंदिर समराथल धोरा



 गुरु जम्भेश्वर मंदिर समराथल धोरा : यह बीकानेर जिले की नोखा तहसील में स्थित है। भौगोलिक दृष्टि से गुरु जम्भेश्वर मंदिर समराथल, मुकाम से 2 किमी दक्षिण में तथा पीपासर से लगभग 10-12 कि.मी. उत्तर में स्थित है। बिश्नोई समाज में समराथल का अत्यधिक महत्त्व है क्योंकि समराथल धोरा बिश्नोई समाज का उत्पत्ति स्थल है। यह स्थान गुरु जाम्भोजी का प्रमुख उपदेश स्थल रहा है। यहां गुरु जाम्भोजी 51 वर्ष तक मानव कल्याण हेतु लोगों को ज्ञान का उपदेश देते रहे। विभिन्न स्थानों पर भ्रमण करने के बाद गुरु जाम्भोजी यहीं आकर निवास करते थे।

 गुरु जाम्भोजी ने यहां १५४०-१५९३ वि.संवत तक निवास किया। समराथल बालू रेत का बहुत बड़ा  धोरा है। इस स्थल के सबसे शिखर की चोटी पर गुरु जाम्भोजी विराजमान थे और हवन किया करते थे। 

समराथल हरि आसन, आसन्न धाम मुकाम।

 बिश्नोई समाज की स्थापना : समराथल धोरा

  सम्वत् १५४२ में इसी स्थान पर गुरु जाम्भोजी ने अपनी अलौकिक शक्ति से अकाल पीड़ितों की सहायता की थी। समराथल पर गुरु जांभोजी ने संवत् 1542 कार्तिक वदी अष्टमी को बिश्नोई समाज की स्थापना की थी। गुरु जम्भेश्वर समाधि स्थल मुक्ति धाम मुकाम में लगने वाले मेलों में पहुंचने वाले श्रद्धालु सर्वप्रथम समराथल धोरा धाम पहुंच कर गुरु जांभोजी को थोक लगाते हैं व पाहल ग्रहण करते हैं। समराथल को सोवन नगरी, थलां, थल, संभरि आदि से भी जाना जाता है।

गुरु जंभेश्वर मंदिर समराथल धोरा का निर्माण

गुरु जंभेश्वर मंदिर समराथल धोरा केे निर्माण में ब्रह्मलीन स्वामी चंद्र प्रकाश जी व ब्रह्मलीन स्वामी रामप्रकाश जी महाराज ने महती भूमिका निभाई। वर्तमान में समराथल धोरा पर इन्हीं संतो की परंपरा के दो आश्रम है।

समराथल धोरा मंदिर के पूर्व की ओर नीचे तालाब  बना हुआ है। समराथल पर धोक लगाकर  श्रद्धालु यहां से श्रद्धानुसार मिट्टी धोरे पर लाता है जो उनकी श्रद्धा व आस्था का प्रतीक है।  किदवन्ती है कि यहीं से गुरु जांभोजी ने अपने पांचों शिष्यों खीयां, भीयां, दुर्जन, सेंसों और  रणधीर जी को सोनम नगरी में प्रवेश वाया था।

 बिश्नोई समाज का आद्य धाम : गुरु जंभेश्वर मंदिर समराथल धोरा

श्री गुरु जंभेश्वर मंदिर समराथल धोरा बिश्नोई समाज का आद्य धाम है। यहां आकर प्रत्येक बिश्नोई अपने आप को गुरु जाम्भोजी कि शिक्षा से जुड़ा हुआ पता है। कार्तिक वदी अष्टमी से दीपावली तक बिश्नोई जन धर्म स्थापना महोत्सव मनाते हैं। इस दौरान बिश्नोई लोग समराथल आकर यहां होने वाले जाम्भाणी यज्ञ में सम्मिलित होते और संध्या वेला में दीपक जलाते हैं। 

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