Guru Jambheshwar Mandir Pipasar | गुरु जम्भेश्वर मंदिर पीपासर

 Guru Jambheshwar Mandir Pipasar | गुरु जम्भेश्वर मंदिर पीपासर 

गुरु जम्भेश्वर मंदिर पीपासर : Guru Jambheshwar Mandir Pipasar


गुरु जम्भेश्वर मंदिर पीपासर : पीपासर की पावन धरा पर गुरु जम्भेश्वर भगवान ने अवतार लिया था। गुरु जम्भेश्वर मंदिर पीपासर जिला नागौर से 45 कि.मी. उत्तर में स्थित है। ग्राम पीपासर में गुरु जम्भेश्वर भगवान ने संवत् 1508 भादव बदी अष्टमी को अर्धरात्रि के समय श्री लोहट जी पंवार के घर अवतार लिया था। उस जगह पर इस समय मन्दिर बना हुआ है और यह स्थान उनके घर की सीमा में है, जिसके पूर्व की ओर छोटी-सी गुमटी है। बताया जाता है कि उस स्थान पर गुरु जम्भेश्वर भगवान का अवतार/जन्म हुआ है।

 गुरु जम्भेश्वर ने जिस कुएं से काचे करवे व धागे से जल निकाल उसी से दीप प्रज्जवलित किये और प्रथम सबद का उच्चारण करके तांत्रिक को पर्चा दिया था वह इसी गांव में ही है। अब वह कुआं बन्द पड़ा है। इसी कुएं से पशुओं को पानी पिलाते हुए राव दूदा मेड़तिया ने गुरु जम्भेश्वर को देखा तथा आश्चर्य चकित हुआ था। 

इस कुएं और मन्दिर के बीच एक पुराना खेजड़ी का वृक्ष भी मौजूद है जहां राव दूदा मेड़तिया ने अपनी घोड़ी बांधी थी और गुरु जम्भेश्वर की शरण में आया था। इसी स्थल पर गुरु जम्भेश्वर ने राव दूदा को मेड़तापति होने का वरदान दिया और केर की तलवार (मूठ) दी थी। गुरु जम्भेश्वर के आशीर्वाद के फलस्वरूप उसे खोया राज्य पुनः प्राप्त हुआ था। 

सम्भराथल पर रहना प्रारम्भ करने से पूर्व तक गुरु जम्भेश्वर पीपासर में रहते थे। यहां जन्माष्टमी की मेला लगता है। पीपासर में साथरी के अलावा गुरु जम्भेश्वर भगवान का मन्दिर भी बना हुआ है। अब यहां पर राजस्थान सरकार की ओर से एक पेनोरमा भी बनाया गया है, जिसमें गुरु जम्भेश्वर भगवान के जीवन को आधुनिक उपकरणों के माध्यम से दर्शाया गया है। निज मन्दिर में धोक लगाने वाले सभी श्रालुजन पीपासर दर्शनार्थ अवश्य जाते हैं। 


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