Guru Jambheshwar Mandir jangloo | गुरु जंभेश्वर मंदिर जांगलू

 Guru Jambheshwar Mandir jangloo : गुरु जंभेश्वर मंदिर जांगलू

Guru Jambheshwar Mandir jangloo : गुरु जंभेश्वर मंदिर जांगलू


गुरु जंभेश्वर मंदिर जांगलू : यह देशनोक से लगभग 10-12 कि.मी. दक्षिण-पश्चिम में स्थित है। जांभोजी का यह मंदिर बीकानेर जिले की नोखा तहसील के निकटवर्ती ग्राम जांगलू स्थित है। जांगलू मंदिर में गुरु जाम्भोजी का चोला और चींपी रखे हुए है। कहते हैं कि यहां रखी हुई चींपी वही है, जो सैंसा के घर खंडित हो गई थी। इस चींपी को श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ रखा गया है।

 जांभाणी इतिहासकारों के अनुसार मेहोजी मुकाम से चोला, चींपी एवं टोपी लेकर जांगलू आये थे। मुकाम के थापनों के निवेदन पर टोपी तो मेहोजी ने वापिस दे दी थी और शेष दोनों वस्तुएं जांगलू मन्दिर में आज भी सुरक्षित है। मन्दिर के पास ही मेहोजी की समाधि है। जांगलू के वर्तमान मन्दिर की नींव संत मनरूप जी ने सम्वत् 1883 में चैत सुदी नवमी, सोमवार को रखी थी। वर्तमान में यहां गुरु जांभोजी का भव्य मंदिर बना हुआ है।

 जांगलू मन्दिर में प्रतिवर्ष दो विशाल मेले भरते हैं। प्रथम चेत्र की अमावस्या तथा दूसरा भादवा की अमावस्या को मेला भरता है। गुरु जंभेश्वर मंदिर जांगलू को भसेवडा के नाम से भी जानते हैं। श्रद्धालु जन मनोकामना पूर्ति हेतु यहां घी की डिब्बी चढ़ाते हैं। 


वरींगाळी नाडी : जांगलू


वरींगाळी नाडी : जांगलू ग्राम से लगभग 5 किलोमीटर दूर साथरी स्थित है जहां गुरु जांभोजी ने अपने शिष्यों के साथ विश्राम किया था। साथरी के उत्तर की ओर चौकी बनी हुई है वहां गुरु जांभोजी ने हवन किया था। चौकी के पास ही कंकेड़ी का वृक्ष है आख्यानों के अनुसार इसे गुरु जांभोजी ने लगाया था।

 यहां से थोड़ी दूरी पर एक तालाब/नाडी स्थित है जिसे बरसिंह बणियाल ने खुदवाया था इसी कारण इस नाडी का नाम वरींगाळी नाडी पड़ा। श्रद्धालु जन मनोकामना पूर्ण करने के लिए इस नदी में स्नान करते हैं और मिट्टी निकालते हैं।

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